क्लीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट में 5x वृद्धि का अनुमान, 2030 तक 31 लाख करोड़ रुपए का होगा निवेश
CRISIL की ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि 2030 तक भारत में क्लीन एर्जी पर 31 लाख करोड़ रुपए का मेगा इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. दिसंबर 2024 के आधार पर भारत की टोटल ग्रीन एनर्जी कैपेसिटी 209.44 गीगावाट है.
CRISIL report on Clean Energy.
CRISIL report on Clean Energy.
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2025 से 2030 के बीच 'ग्रीन इन्वेस्टमेंट' में पांच गुना वृद्धि होने का अनुमान है, जो 31 लाख करोड़ रुपए होगा. राष्ट्रीय राजधानी में क्रिसिल के 'इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2025' में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, 31 लाख करोड़ रुपए के निवेश में से 19 लाख करोड़ रुपए रिन्यूएबल एनर्जी और स्टोरेज में, 4.1 लाख करोड़ रुपए परिवहन और ऑटोमोटिव सेक्टर में और 3.3 लाख करोड़ रुपए तेल और गैस में निवेश किए जाने की संभावना है.
2070 तक ग्लोबली 10 ट्रिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट की जरूरत
पेरिस समझौते के तहत अपडेटेड फर्स्ट नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन (NDC) के अनुसार देश के नेट-जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 2070 तक अनुमानित 10 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है. भारत की प्रमुख NDC प्रतिबद्धताओं में 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की कार्बन तीव्रता में 2005 के स्तर से 45 फीसदी की कमी लाना शामिल है. साथ ही गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित एनर्जी रिसोर्स से क्यूमलेटिव इंस्टॉल्ड पावर कैपेसिटी के हिस्से को 50 फीसदी तक बढ़ाना शामिल है.
2030 तक 31 लाख करोड़ रुपए का होगा निवेश
क्रिसिल के प्रबंध निदेशक और सीईओ अमीश मेहता ने कहा, "मध्यम अवधि में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत के पास अपनी विकासात्मक और पर्यावरणीय आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं को बैलेंस करने का अवसर है." उन्होंने कहा कि सरकार और कॉरपोरेट द्वारा घोषित योजनाओं और जमीनी स्तर पर प्रगति के आधार पर, "हमारा अनुमान है कि 2030 तक 31 लाख करोड़ रुपए का ग्रीन इन्वेस्टमेंट होगा."
भारत की क्लीन एनर्जी कैपेसिटी 209.44 गीगावाट
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भारत की कुल रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में 15.84 फीसदी की मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई. यह दिसंबर 2024 तक 209.44 गीगावाट तक पहुंच गई, जो दिसंबर 2023 में 180.80 गीगावाट थी. लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 के दौरान जोड़ी गई कुल कैपेसिटी 28.64 गीगावाट थी, जो 2023 में जोड़े गए 13.05 गीगावाट की तुलना में 119.46 फीसदी की सालाना वृद्धि को दर्शाती है.
सरकारी की पॉलिसी होगी महत्वपूर्ण
रिपोर्ट के अनुसार, कम जोखिम वाली स्थापित टेक्नोलॉजी, जैसे सोलर पावर, विंड पावर और दोपहिया ईवी, बैंकों और बॉन्ड बाजारों के जरिए पर्याप्त डेट फाइनेंस उपलब्ध है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, ग्रीन हाइड्रोजन, सीसीयूएस (कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और स्टोरेज), एनर्जी स्टोरेज और अन्य उभरती टेक्नोलॉजी जैसी उच्च जोखिम वाली परियोजनाओं के लिए, सरकारी अनुदान और प्रोत्साहन परियोजना के सफल होने में सुधार को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
01:05 PM IST